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1.पक्षी और चौपाये सब मार-मार कर खाये,
फिर भी हाथ मार कर छाती पर इन्सान कहाये
लाज नहीं आये । _ _ _Read /पढ़ें
2.अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...
कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं...
तुम्हीं हो मूर्ति में भी, तुम्हीं व्यापक हो फूलों में,
भला भगवान पर भगवान को कैसे चढाऊं मैं... _ _ _ Read(पढ़ें)
1.पक्षी और चौपाये सब मार-मार कर खाये,
फिर भी हाथ मार कर छाती पर इन्सान कहाये
लाज नहीं आये । _ _ _Read /पढ़ें
2.अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं...
कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं...
तुम्हीं हो मूर्ति में भी, तुम्हीं व्यापक हो फूलों में,
भला भगवान पर भगवान को कैसे चढाऊं मैं... _ _ _ Read(पढ़ें)